नील स्वर्ग

नील स्वर्ग
प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली

Wednesday, August 4, 2010

खेल खेल में

खेलों के क्षेत्र में बहुत क्रांति है हमारे देश में. हमारा स्तर अंतर्राष्ट्रीय हो चला है. आई पी एल में हमने बहुत नाम कमाया . सारी दुनिया को बता दिया की क्रिकेट कैसे खेला जाता है . सारे मशहूर खिलाडी यहाँ हाथ बाँध कर के खड़े थे , अपनी बोली लगवाने को .इस भाव में अपनी तो क्या लोग अपने पूरे खान दान की भी लगवा लें. अब जब इतने पैसे का लेन देन होगा तो कुछ न कुछ कहीं न कहीं तो होगा न ? कौन खाली पीली नौकरी बजाएगा ? यूँ ही बेचारे ललित मोदी को बकरा बना दिया. लेकिन थोड़ी गलती तो उसकी थी न ? अरे भाई मिल बाँट के खाते तो कौन तुम्हारी तलपट में घुसता ?


आई पी एल तो अब बासी खबर बन गया है . वैसे हमारा देश मशहूर रहा है होकी के लिए सदा. और पिछले दिनों तो और भी अधिक मशहूर हो गया . इस बार महिला होकी में . टीम के कोच श्री एम्. के. कौशिक ने अपनी कमाल की कोचिंग का परिचय दिया महिला होकी टीम के चीन, जापान , कनाडा और जर्मनी के दौरे पे. दुनिया की खबर बन गए कौशिक साहब .तकदीर ख़राब थी की एक खिलाड़न फूट पड़ी .

हिंदुस्तान की खेल कूद में तरक्की पूरे शबाब में हैं - दुनिया भर में . हमारा देश आयोजित कर रहा है - कॉमन वेल्थ गेम . दिल्ली को दुल्हन की तरह तैयार किया जा रहा है . अब इतने बड़े आयोजन में पैसे तो खर्च होंगे ही न? मीडिया वालों को क्या लेना था की , दौड़ने वाली मशीन का क्या किराया तय हुआ ? अच्छे खिलाडी अच्छी मशीनों पर ही दोड़ते हैं. यही नहीं टोइलेट पेपर रोल जैसी मामूली चीजों की भी कीमत खोल डाली. आखिर इतनी बड़ी खेल प्रतियोगिता का खिलाडी क्या अखबार से............!!!! बुरा हुआ .सुरेश कलमाड़ी बेचारे जो भी सफाई दे रहे हैं , वो उनके महंगे टोइलेट पेपर रोल से भी नहीं साफ़ नहीं हो पा रही.

कोमन वेल्थ का मतलब ही कोमन आदमी की वेल्थ है ; उसके लिए रोना पीटना क्या ? जब तक हमारे देश में ललित मोदी , कौशिक और कलमाड़ी जैसे महान खेल धुरंधर है , भारत को कांस्य पदक से ऊपर एक भी पदक का ख्वाब नहीं देखना चाहिए. हाँ कोई महानुभाव ये भी मनेज कर लें तो अलग बात है .मेरा भारत महान .

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