नील स्वर्ग

नील स्वर्ग
प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली

Monday, October 1, 2012

यमराज बनाम युवराज

कैंसर - एक ऐसा शब्द , जिसे सुन कर दिल दहल जाता है मजबूत से मजबूत व्यक्ति का ! ये रोग इतना अधिक  व्याप्त हो चूका है कि  आज के ज़माने में शायद ही कोई ऐसा हो जो इसके बारे में नहीं जानता . लोगों ने दूर से या पास से - इस रोग का परिणाम देखा है . जब  कोई अदालत का जज किसी आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुना देता है  , तो उस आरोपी की सजा चाहे सालों बाद ही पूरी की जाये , लेकिन वो व्यक्ति और उसका परिवार तो हर रोज मरते हैं .उसी तरह जब एक व्यक्ति को ये पता चलता है , उसका मरण उसी दिन से  शुरू हो जाता है

सबसे दुखद बात ये है कि  मनुष्य अपनी सारी  कोशिशों के बाद भी इस महा भयानक कर्क रोग का इलाज नहीं ढूंढ पाया है . इलाज भी अपने आप में एक सजा है . कीमोथेरपी के नाम से किया जाने वाला इलाज एक ऐसा विनाशक इलाज है , जिसमें आक्रमण कैंसर के सेल के साथ साथ शरीर के स्वस्थ सेलों पर भी भरपूर होता है . और ये इलाज महज मौत को थोडा दूर ही धकेल पाता  है .

ऐसी ही बीमारी का शिकार बना भारत का चहेता क्रिकेट खिलाडी युवराज सिंह ! युवराज के कन्सर ग्रस्त होने की खबर ने पूरे देश को उदास बना दिया . युवराज दुनिया का एकमात्र खिलाडी था जिसने छह गेंदों के एक ओवर में छह छक्के मार इतिहास रच दिया था . भारत की हर छोटी बड़ी जीत में युवराज के हस्ताक्षर जरूर होते रहें हैं .

लेकिन युवराज ने इस बीमारी को भी एक क्रिकेट मैच की तरह लिया और चुनौती दे डाली यमराज को . ये युवराज की जबरदस्त इच्छा शक्ति और खेल के प्रति समर्पण का परिणाम है की आज युवराज फिर से एक बार भारत की टीम में एक महत्वपूर्ण खिलाडी के रूप में चुना गया ; बल्कि अपना पूरा योगदान दे रहा है . कल हुई पाकिस्तान की करारी हार में विराट  कोहली  के बाद युवराज का ही दूसरा योगदान था जिसने भारत को इतनी भारी  विजय अपने  सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी पकिस्तान  के खिलाफ दिलाई .

युवराज ! तुम्हारा ये हौसला सिर्फ क्रिकेट की विजय  ही नहीं है ;   बल्कि कैंसर  जैसे रोग पर विजय पाने के लिए दुनिया के करोड़ों कैंसर पीड़ित लोगों के ह्रदय में एक रौशनी जगायेगा . कैंसर की इस टूर्नामेंट में तुमने यमराज पर विजय पा ली है !

युवराज तुम्हे प्रणाम !

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