नील स्वर्ग

नील स्वर्ग
प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली

Saturday, July 28, 2012

नारायण ! नारायण ! - एक लघु कथा

नेताजी अपने दफ्तर में बैठे हुए अपना काम कर रहे थे . तभी चपरासी ने कहा - सर , एक युवक आया है किसी गाँव से  , कहता है आपसे मिलना है . नेताजी ने कहा - जाकर पूछो कि  काम क्या है . चपरासी बोला - पूछा  था सर, कहता है कि वो आपका बेटा है .
नेताजी ने नजर उठाये बिना कहा - उसका नाम , पता , जन्म तिथि , उसकी मां  का नाम , उसके गाँव का नाम रजिस्टर में लिखवा लो .
चपरासी बोला - सर लिखवा लेता हूँ, फिर क्या कहना है ?
नेताजी - कहना की हफ्ते भर बाद खबर लो , तब तक हम अपने दौरों का रेकोर्ड चेक कर लेते हैं . हाँ कहना मिडिया विडिया के चक्कर में न पड़े , कुछ पता  चला तो आपस में सलटा  लेंगे. 

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