नील स्वर्ग

नील स्वर्ग
प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली

Wednesday, March 28, 2012

संसद की तिलमिलाहट

 पिछले रविवार , यानि २५ मार्च को टीम अन्ना के जंतर मंतर पर हुए अनशन ने संसद में हंगामा खड़ा कर दिया . आखिर ऐसा क्या कह दिया था टीम अन्ना ने ? अरविन्द केजरीवाल ने एक ऐसी सच्चाई बयान कर दी थी कि किसी भी नेता को उसका जवाब देते नहीं बनता था ; अरविन्द ने कह दिया की संसद में बैठे हैं बहुत सारे लुटेरे , हत्यारे और बलात्कारी ! पूरी पुख्ता जानकारी के साथ अरविन्द ने आंकड़े दिए कि संसद में १६२ सांसद ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मुकद्दमें दर्ज हैं ; उनमे से २० ऐसे हैं , जिनके खिलाफ आरोप हत्या का है . केजरीवाल  ने २५ ऐसे नेताओं का नाम ले लिया जो अपराधियों की फेहरिस्त में हैं ; बड़े बड़े नाम भी थे जैसे कि - शरद पवार, एस एम् कृष्ण , पी चिदंबरम , प्रफुल पटेल, कपिल सिबल , कमल  नाथ , फारुख अब्दुला , अजित सिंह , श्री प्रकाश जैसवाल , सुशिल कुमार शिंदे , विलास राव देशमुख , एम् . के . अजगिरी, जी के वासन आदि !    इतना ही नहीं अरविन्द ने एक खुली चुनौती भी दे दी कि अगर लोकपाल आ जाएगा तो १४ मंत्रियों के खिलाफ तुरंत ऍफ़ आई आर दर्ज हो जाएगा .

तिलमिला उठा पूरा का पूरा संसद ! इस तरह अगर संसद की सच्चाई कोई जनता में बिखेर  देगा , तो क्या होगा सांसदों का ? 
हिम्मत होती तो हर सांसद अपने अपने आरोपों का खंडन करता ; लेकिन ऐसा करने की जगह सब ने मिल कर टीम अन्ना को कोसना शुरू कर दिया . हर सांसद छिपना चाहता है बड़े बड़े शब्दों की आड़ में - संसद की गरिमा , प्रजातंत्र का सर्वोच्च मंच , देश के मतदाताओं का विश्वास वगैरह वगैरह  !
 जनता दल (यू) के मुखिया शरद यादव  ने एक निंदा प्रस्ताव पेश कर दिया ! समाजवादी पार्टी के मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव अपनी भरी जीत के तेवर में थे , उन्होंने तो कह दिया की टीम अन्ना को अपराधी की तरह संसद में बुलाना चाहिए ; यहाँ तक भी कहा की सिर्फ माफ़ी मांगने से नहीं चलेगा .  
नेशनल कोंफरेंस के फारुख अब्दुला ने कहा - हम तो यहाँ देश ली सेवा के लिए आते हैं , इस तरह की गालियाँ खाने के लिए नहीं . डी एम् के  के इलानगोवन ने तो टीम अन्ना को भीड़ का मनोरंजन करने वाला जोकर बता दिया . 
देखा आपने - सच्चाई कितनी कडवी होती है . टीम अन्ना ने सच्चाई कह दी तो संसद का अपमान हो गया , लेकिन कोंग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह अगर बाबा रामदेव जैसे पूजनीय व्यक्ति को ठग कहते हैं तो संसद को कोई आपत्ति नहीं होती ; अन्ना  का मजाक उड़ाते हैं तो किसी को फर्क नहीं पड़ता . 
किस किस का मुंह बंद करेगा संसद इस तरह की घुड़कियों से ! हर हिंदी फिल्म राज नेताओं की पोल खोलती है - हाँ किसी का नाम नहीं लेती . हर कवि सम्मलेन भरा होता है , राज नेताओं की काली  कारतुतों की कविताओं से -यहाँ तो नाम भी धड्ले  से लिए जाते हैं . स्कूल के बच्चे तक नेताओं को गालियाँ देते हैं . और इन सब का सामूहिक प्रतिनिधित्व कर रहे हैं - टीम अन्ना ! संसद का टीम अन्ना पर हमला बोलने का असली कारण है - लोक पाल बिल को ठन्डे बस्ते में डाल देने की कोशिश ! 
यहाँ देखना ये है की टीम अन्ना कितनी दूर तक लोहा लेती है इस भ्रष्ट राजनैतिक व्यवस्था से !  



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