नील स्वर्ग

नील स्वर्ग
प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली

Wednesday, February 23, 2011

मोर्निंग वाक

इस बार काफी समय से मेरी मोर्निंग वाक नियमित चल रही है . सैर के लिए घर के पास ही है एक बहुत सुन्दर उद्यान . उसके अन्दर एक वृताकार रास्ता है जिस पर सभी लोग चलते हैं , एक ही दिशा में . एक चक्कर करीब एक तिहाई किलो मीटर के बराबर है . मेरी गति से मुझे लगते हैं साढ़े तीन मिनट एक चक्कर लगाने में . घूमते समय बहुत से लोग मुझसे आगे बढ़ जाते हैं . कुछ लोग तो बहुत तेज रफ़्तार से और कुछ लोग मुझ से थोड़ी ज्यादा रफ़्तार में . उन्हें देख कर मैं भी कोशिश करता हूँ अपनी रफ़्तार बढाने  की . कभी कभी मन में आता है , क्या सभी लोग मुझसे तेज चलते हैं , क्योंकि एक बाद एक कोई न कोई मुझे पार करता रहता है . लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं . जो लोग मुझसे धीमा चलते हैं वो तो मुझे दिखाई नहीं देते क्योंकि वो हमेशा मेरे पीछे होते हैं .
 
आज की मोर्निंग वाक में एक बात सीखी . जीवन के हर क्षेत्र में हमेशा अपने से तेज चलने वाले को देखो , क्योंकि वही हमें प्रेरणा देता है और तेज चलने की . हमसे धीमा चलने वाला हमें भी धीमा कर देगा .

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