नील स्वर्ग

नील स्वर्ग
प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली

Wednesday, February 2, 2011

देश के दामाद

विचित्र  देश  है भारत ! कौन सा ऐसा विषय है जिसमे हमारी विचित्रता नजर नहीं आती ! एक विषय है वी आई पी . हमारे यहाँ इस खास कटेगोरी की परिभाषा भी समझना मुश्किल है . अभी देखिये ना कल शाम जब मैं कोल्कता के हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच की लम्बी कतार में खड़ा था , तो मेरी नजर पड़ी एक बड़े से बोर्ड पर . उस बोर्ड पर एक फेहरिस्त थी उन खास पदों या खास कटेगोरी की, जिन्हें इस सुरक्षा जांच की प्रक्रिया से मुक्त किया गया था . मैंने पढना शुरू किया . सूची कुछ ऐसे थी -


  1. President
  2. Vice President
  3. Prime Minister
  4. Former President
  5. Speaker of Lok-Sabha
  6. Chief Justice Of India
  7. Judges of Supreme Court
  8. Leaders of Opposition in Lok Sabha and Rajya Sabha
  9. Union Ministers of Cabinet Rank
  10. Dy. Chairman of Rajya Sabha and Dy. Speaker of Lok Sabha
  11. Governers of States
  12. Chief Ministers of States
  13. Chief Justice Of High Courts
  14. Lt. Governors of Union Territories
  15. Chief Ministers of Union Territories
  16. Ambassadors of Foreign Countries / Charge De- Affairs and High Commissions and their spouses.
  17. Cabinet Secretary
  18. Visiting foreign dignitories of the same status as Sl No. 1 to 3, 5,6,9 and 11 above.
  19. Chief of Army, Navy and Airforce.
  20. His holiness The Dalai Lama
  21. SPG Protectors
  22. Shri Robert Vadra while travelling with SPG Protectees
क्यों है ना चोंकाने वाली सूची ? अंतिम नाम का औचित्य समझ पाना बड़ा मुश्किल है . श्री रोबेर्ट वाड्रा  - दामाद हैं कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी के . इस प्रकार कांग्रेस पार्टी के लिए भी करीब करीब दामाद की हैशियत  रखते हैं - लेकिन पूरे देश के दामाद तो नहीं हैं ! इससे ज्यादा आसान होता अगर एक और कटेगोरी और जोड़ दी जाती - नेहरु परिवार से जुड़ा हर व्यक्ति ताकि व्यक्तिगत नामों को इस महत्व पूर्ण सूचना में नहीं लिखना पड़ता .

सवाल एक नाम का नहीं है ; सवाल है सत्ता के दिमागी दिवालियेपन का ! वाह रे भारत ! वाह रे भारत सरकार ! 

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