जीवन के निराश लम्हों में हम ढूंढते हैं कोई सहारा , कोई साथी जो हमारा उत्साह वर्धन करे , हमें प्रेरणा दे जीने की . बहुत मुश्किल है ऐसा साथी मिलना . हम अपनी समस्याएँ दूसरों को बताना ही नहीं चाहते , तो कोई तसल्ली क्या देगा . हम दोहरी जिंदगी जीतें हैं.हमारे अन्दर भरी होती है हमारी निराशा, हमारी कुंठाएं, हमारी समस्याएँ - और बाहर के चेहरे पर बेफिक्री,ख़ुशी और व्यस्तता. ऐसे में प्रेरणा कौन दे.
मैं मेरी प्रेरणा लेता हूँ बॉलीवुड से . मजाक ना समझे. बहुत संजीदा हूँ . क्या आपको याद हैं वो गीत , रफी साहब की ताजगी भरी वाणी और तलत साहब की रेशमी आवाज में - ग़म की अँधेरी रात में दिल को ना बेक़रार कर ; सुबह जरूर आएगी , सुबह का इन्तेजार कर.......... क्या ये बोल बुझे हुए मन में कहीं रौशनी नहीं जगा देते . सुन कर देखिये-
मुझे याद है एक बार- बड़ा ही निराश लौटा कॉलेज से . शायद प्रोफ़ेसर ने किसी बात पर डांट दिया था. हॉस्टल के कमरे में बड़ा उदास अकेला बैठा था . बेखुदी में रेडियो चला दिया . एक गीत बज रहा था . क्या बताऊँ आपको . मेरी शाम बदल कर रख दी उस गीत ने . बहुत ही प्यारा गीत जयदेव साहब का कम्पोज किया हुआ . वही दिल को छू लेने वाली आवाज रफ़ी की ..... जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया , जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया.......
जीवन मैं ऐसे मौके आते हैं जब लगता है कि बिलकुल अकेले हैं. एक बार मेरे सबसे गहरे मित्र ने नाराज होकर मुझसे बोलचाल बंद कर दी.उस के साथ साथ ग्रुप के अन्य मित्रों ने भी किनारा कर लिया . उस समय ऐसा लगा जैसे पूरे विश्व में मैं अकेला हूँ. प्रेरणा दी इन पंक्तियों ने - तेरा कोई साथ ना दे तो तू खुद से प्रीत जोड़ ले ; बिछोना धरती को कर ले, अरे आकाश ओढ़ ले..................मुकेश का गाया हुआ वह खूबसूरत गीत आज भी प्रेरणा देता है .......
हर व्यक्ति जीवन में प्रयास करता है कुछ पाने के लिए.कई बार कुछ को सफलता मिलती है, लेकिन असफलता भी प्रयास का दूसरा परिणाम है . असफलता किसी के लिए क्षणिक निराशा का कारण तो निशित रूप से है ही , लेकिन कभी कभी ये निराशा का दौर कुछ ज्यादा ही लम्बा हो जाता है . जीवन के ऐसे निराशापूर्ण दौर में सुकून देती हैं किशोर दा की गयी हुई ये पंक्तियाँ - रूक जाना नहीं तू कहीं हार के , काँटों पे चल के मिलेंगे साए बहार के...................ओ राही........... ओ राही................
जिंदगी का संघर्ष करते करते कई बार हम इतना थक जातें हैं , कि ऐसा लगता है की कोई आकर कंधे पर हाथ रख दे .कोई आकर कहे - ये सफ़र बहुत है कठिन मगर ना उदास हो मेरे हमसफ़र ..........................
जरूरी नहीं की प्रेरणा सिर्फ निराशा के समय ही मिले .कई बार जीवन में हम कुछ ऐसा ठान लेते हैं कि जो हमारे बल बूते से बाहर होता है. कोई ऐसी चुनौती स्वीकार कर बैठते हैं जो असंभव नहीं तो अत्यधिक मुश्किल जरूर होती है . मैंने अपने जीवन में एक बार एक चुनाव में अपनी उम्मीदवारी भर दी . लोगों ने कहा , ये किससे पंगा ले रहे हो भाई ? जोश में हमने कह दिया - जब ले लिया तो ले लिया. अब तो जीत के ही दिखायेंगे . प्रचार के बाद रात को सोने के समय ये गीत सीडी पर लगा के लेट जाता था. सुबह उठता था एक नयी स्फूर्ति के साथ .और फिर वो हो गया जिसकी लोगों को उम्मीद नहीं थी. भारी मतों से मैं विजयी हुआ. और वो गीत जो मुझे सोने के पहले चार्ज करता था - अपनी जीत हो, उनकी हार हाँ ,............बार बार हाँ ...................
मित्रों, उम्मीद है की आपको मेरे इस संगीतमय उपदेश से जरूर प्रेरणा मिली होगी. जीवन में परेशानी हो तो अच्छे गीत सुनिए . परेशानी कम जरूर होगी.
It's a beautiful way of talk which instsntly make ur mood.
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
हिन्दी बाग जगत में आपका स्वागत है। यह आलेख तैयार करने में आपने काफ़ी मेहनत लगाई है। बहुत बढिया लिखा है आपने। बस यूं ही जारी रखियेगा। आभार!
ReplyDeleteस्वागत एवं बधाई !
ReplyDeleteबातचीत चलती रहे !
very well said.....nice thought .....keep it up.
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत। अच्छा चयन है,गानों का । बधाई ।
ReplyDelete