नील स्वर्ग

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प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली

Monday, February 13, 2012

पेप्सी और कोका कोला


पाठकों ,
कुछ दिनों पहले मैंने श्री रवि वर्मा की मेल का वो हिस्सा यहाँ उद्धृत किया था जिसमे कोलगेट जैसे टूथपेस्टों की सच्चाई थी . आज उनकी ही मेल से ये जानकारी पेप्सी और कोका कोला के बारे में ! बिलकुल आई ओपनर है ये लेख , पढ़िए और निर्णय कीजिये !
पेप्सी और कोका कोला 
एक पेय पदार्थ है जिसको हम कोल्ड ड्रिंक के नाम से जानते हैंइस क्षेत्र में अमेरिका की दो कंपनियों का एकाधिकार हैएक का नाम है पेप्सी और दूसरी है कोका कोला | 1990 -91 में दोनों कंपनियों का संयुक्त रूप से जो विदेशी पूंजी निवेश था भारत मेंउसे सुन कर आश्चर्य करेंगे आपदोनों ने मिलकर लगभग 10 करोड़ की पूंजी लगाई थी भारत मेंकुल जमा 10 करोड़ रुपया (डौलर नहीं) अर्थशास्त्र की भाषा में इसको Initial Paid-up Capital कहते हैं इन दोनों कंपनियों के कुल मिलाकर 64 कारखाने हैं पुरे भारत में और मैं उन कारखानों में घुमा और इनके अधिकारियों से बात कर के जानकारी लेने की कोशिश कीक्योंकि इनके वेबसाइट पर इनके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होती हैइन कंपनियों ने भारत के शेयर बाजार में भी अपनी लिस्टिंग नहीं कराई हैइनका रजिस्ट्रेशन नहीं है हमारे यहाँ के शेयर मार्केट में बॉम्बे स्टोक एक्सचेंज (BSE) या NSE में जिन कंपनियों की लिस्टिंग नहीं होती उनके बारे में पता करना या उनके आंकड़े मिलना एकदम असंभव होता है |
इन कंपनियों के एक बोतल पेय की लागत मात्र 70 पैसे होती हैआप कहेंगे कि मुझे कैसे मालूम भारत सरकार का एक विभाग है जिसका नाम है BICP, ब्यूरो ऑफ़ इंडस्ट्रियल कास्ट एंड प्राईसेसयही वो विभाग है जिसे भारत में उत्पन्न होने वाले हर औद्योगिक उत्पादन की लागत पता होती हैवहीं से मुझे ये जानकारी मिली थी आप हैरान हो जायेंगे ये जानकर कि 70पैसे का जो ये लागत है इनका वो एक्साइज ड्यूटी देने के बाद की हैयानि एक्स-फैक्ट्री कीमत है ये अगर एक बोतल 10रुपया में बिक रहा है तो लगभग 1500% का लाभ ये कंपनी एक बोतल पर कमा रही है और जब पेप्सी और कोका कोला के64 कारखानों में होने वाले एक वर्ष के कुल उत्पादन के बारे में पता किया तो पता चला कि ये दोनों कंपनियाँ एक वर्ष में 700करोड़ बोतल तैयार कर के भारत के बाजार में बेंच देती हैं और कम से कम 10 रूपये में एक बोतल वो बेचती हैं तो आप जोडिये कि हमारे देश का 7000 करोड़ रुपया लूटकर वो भारत से ले जाती हैं |
और इस 7000 करोड़ रूपये की लुट होती है एक ऐसे पानी को बेच कर जिसमे जहर ही जहर हैएक पैसे की न्यूट्रीशनल वैल्यू नहीं है जिसमे भारत के कई वैज्ञानिकों ने पेप्सी और कोका कोला पर रिसर्च करके बताया कि इसमें मिलाते क्या हैं पेप्सी और कोका कोला वालों से पूछिये तो वो बताते नहीं हैंकहते हैं कि ये टॉप सेक्रेट हैये बताया नहीं जा सकता लेकिन आज के युग में कोई भी सेक्रेट को सेक्रेट बना के नहीं रखा जा सकता तो उन्होंने अध्ययन कर के बताया कि इसमें मिलाते क्या हैं,इसमें मिला होता है - सोडियम मोनो ग्लूटामेटऔर वैज्ञानिक कहते हैं कि ये कैंसर करने वाला रसायन हैफिर दूसरा जहर है - पोटैसियम सोरबेट - ये भी कैंसर करने वाला हैतीसरा जहर है - ब्रोमिनेटेड वेजिटेबल ऑइल (BVO) - ये भी कैंसर करता है |चौथा जहर है - मिथाइल बेन्जीन - ये किडनी को ख़राब करता हैपाँचवा जहर है - सोडियम बेन्जोईट - ये मूत्र नली कालीवर का कैंसर करता हैफिर इसमें सबसे ख़राब जहर है - एंडोसल्फान - ये कीड़े मारने के लिए खेतों में डाला जाता है और ऊपर से होता है - कार्बन डाईऑक्साइड - जो कि बहुत जहरीली गैस है और जिसको कभी भी शरीर के अन्दर नहीं ले जाना चाहिए और इसीलिए इन कोल्ड ड्रिंक्स को "कार्बोनेटेड वाटर" कहा जाता है और इन्ही जहरों से भरे पेय का प्रचार भारत के क्रिकेटर औरअभिनेता/अभिनेत्री करते हैं पैसे के लालच मेंउन्हें देश और देशवाशियों से प्यार होता तो ऐसा कभी नहीं करते 

ज्यादातर लोगों से पूछिये कि "आप ये सब क्यों पीते हैं ?" तो कहते हैं कि "ये बहुत अच्छी क्वालिटी का है" अब पूछिये कि "अच्छी क्वालिटी का क्यों है" तो कहते हैं कि "अमेरिका का है" और ये उत्तर पढ़े-लिखे लोगों के होते हैं तो ऐसे लोगों को ये जानकारी मैं दे दूँ कि अमेरिका की एक संस्था है FDA (Food and Drug Administration) और भारत में भी ऐसी ही एक संस्था हैउन दोनों के दस्तावेजों के आधार पर मैं बता रहा हूँ किअमेरिका में जो पेप्सी और कोका कोला बिकता है और भारत में जो पेप्सी-कोक बिक रहा हैतो भारत में बिकने वाला पेप्सी-कोकअमेरिका में बिकने वाले पेप्सी-कोक से 40 गुना ज्यादा जहरीला होता हैसुना आपने ?  40 गुनामैं प्रतिशत की बात नहीं कर रहा हूँ और हमारे शरीर की एक क्षमता होती है जहर को बाहर निकालने कीऔर उस क्षमता से 400 गुना ज्यादा जहरीला हैभारत में बिकने वाला पेप्सी और कोक ये है पेप्सी-कोक की क्वालिटीऔर वैज्ञानिकों का कहना है कि जो ये पेप्सी-कोक पिएगा उनको कैंसरडाईबिटिजओस्टियोपोरोसिसओस्टोपिनिया,मोटापादाँत गलने जैसी 48 बीमारियाँ होगी |  

पेप्सी-कोक के बारे में आपको एक और जानकारी देता हूँ - स्वामी रामदेव जी इसे टॉयलेट क्लीनर कहते हैंआपने सुना होगा तो वो कोई इसको मजाक में नहीं कहते या उपहास में नहीं कहते हैंइसके पीछे तथ्य हैतथ्य ये कि टॉयलेट क्लीनर और पेप्सी-कोक की Ph वैल्यू एक ही है मैं आपको सरल भाषा में समझाने का प्रयास करता हूँ | Ph एक इकाई होती है जो एसिड की मात्रा बताने का काम करती है और उसे मापने के लिए Ph मीटर होता है शुद्ध पानी का Ph सामान्यतः होता है और 7 Phको सारी दुनिया में सामान्य माना जाता हैऔर जब पानी में आप हाईड्रोक्लोरिक एसिड या सल्फ्यूरिक एसिड या फिर नाइट्रिक एसिड या कोई भी एसिड मिलायेंगे तो Ph का वैल्यू हो जायेगाऔर ज्यादा एसिड मिलायेंगे तो ये मात्रा हो जाएगीऔर ज्यादा मिलायेंगे तो ये मात्रा हो जाएगीऐसे ही करते-करते ये मात्रा कम होती जाती है जब पेप्सी-कोक के एसिड का जाँच किया गया तो पता चला कि वो 2.4 है और जो टॉयलेट क्लीनर होता है उसका Ph और पेप्सी-कोक का Ph एक ही है, 2.4 का मतलब इतना ख़राब जहर कि आप टॉयलेट में डालेंगे तो ये झकाझक सफ़ेद हो जायेगा इस्तेमाल कर के देखिएगा जब हमने पेप्सी और कोक के खिलाफ अभियान शुरू किया था तो हम अकेले थे लेकिन आज भारत में 70 संस्थाएं हैं जो पेप्सी-कोक के खिलाफ अभियान चला रहीं हैंहम खुश हैं कि इनके बिक्री में कमी आयी है |  ये पूरी तरह भारत में बंद हो जाएगी अगर आप इस को बात समझे और खरीदना बंद करें |      
http://www.organicconsumers. org/Toxic/pepsi_coke_ pesticides.cfm
http://en.wikipedia.org/wiki/ Criticism_of_Coca-Cola         

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