एक बहुत बड़े मैदान में एक बहुत बड़ा मंच बना हुआ था , जिस पर एक बहुत शानदार संगीत का कार्यक्रम चल रहा था . कम से कम पांच हजार व्यक्ति उस कार्यक्रम का आनंद ले रहे थे . टेलीविजन पर भी उसका सीधा प्रसारण चल रहा था .
श्रोताओं की भीड़ में एक व्यक्ति कुर्सी से उठ कर मुड़ गया और वापस जाते जाते एक और सज्जन के हाथ में एक कागज पकड़ा कर तेजी से बाहर निकल गया . जब उस सज्जन नें उस कागज को खोल कर देखा तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया . उस कागज पर एक वाक्य लिखा था - ' इस मैदान में एक बम रखा है जो अगले दस मिनटों के अन्दर फट जाएगा' . उस सज्जन ने तुरंत अपने परिवार के सदस्यों को उठने के लिए कहा . उन्होंने आश्चर्यचकित होकर पूछा 'क्यों' ? सज्जन ने झल्लाते हुए कहा - 'सवाल मत पूछो , बस चलो '. उनका एक बच्चा था जो उठने के लिए तैयार ही नहीं था और कारण जानने की जिद कर रहा था . सज्जन ने खींच कर एक थप्पड़ लगाया बच्चे को और कहा - ' यहाँ थोड़ी ही देर में बम फटने वाला है '.
ये सुनते ही आस पास की सीटों पर बैठे लोग भी घबरा गए . सबके मुह पर एक ही बात शुरू हो गयी - यहाँ बम फटने वाला है . और २ मिनट के अन्दर पूरे माहौल में खलबली मच गयी . आयोजकों ने पहले तो लोगों से शांति से बैठने की अपील की लेकिन जैसे ही बम का पता चला . वो लोग भी वहां से भागने की तैयारी में लग गए . टेलीविजन पर दिखाया जा रहा कार्यक्रम ब्रेकिंग न्यूज़ में बदल गया . देश के सारे चैनल इस कार्यक्रम की गड़बड़ी का आँखों देखा हाल दिखाने में जुट गए . ट्विट्टर पर लोगों की सूचनाएँ दनादन आनी शुरू हो गयी .
पूरे शहर की फोन लाइने इस मुद्दे पर जाम हो गयी .
पुलिस और दमकल विभाग का सारा दस्ता मैदान के बाहर जमा हो गया . उधर भागती भीड़ के अन्दर अफरा तफरी मच गयी जिससे स्टाम्पेड हो गया . लोग नीचे गिरने लगे और पीछे वाले उसके ऊपर . इस अंधाधुंध भागदौड़ में १७५ व्यक्ति मारे गए और सैंकड़ों बुरी तरह घायल हो गए . देश के गृह मंत्री ने सबसे शांति बनाये रखने की अपील की .
मैदान के पास ही एक होटल में बैठ कर वो व्यक्ति चाय की चुस्कियां ले रहा था जिसने वो कागज पकडाया था . कार्यक्रम में घुसने के समय मशीनों ने सबकी तरह उसकी भी चेकिंग की थी . लेकिन मशीने बम और बारूद तो पकड़ सकती है , लेकिन कागज और कलम पर कोई पाबन्दी नहीं है . वो व्यक्ति ही आतंकवादी था .
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