नील स्वर्ग

नील स्वर्ग
प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली

Monday, September 6, 2010

जीवन की ज्यामिति




बिंदु = व्यक्ति , एक अकेला जिसका अस्तित्व बहुत सूक्ष्म होता है







सरल रेखा = जीवन , जिसका प्रारंभ है तो अंत भी निश्चित है .











वृत = आत्मा , जिसका न कोई प्रारंभ है न अंत .











समानांतर रेखाएं = सुख और दुःख , दोनों जीवन में साथ चलती है लेकिन आपस में मिल नहीं सकती .







कोण = घर , दो रेखाएं- यानि दो जीवन जब मिलते हैं तो अपने लिए बनाते है, एक कोना, जिसे घर कहते हैं .









त्रिकोण - परिवार , दो रेखाओं से मिलती है जब तीसरी रेखा तब पति पत्नी के साथ होती है उनकी संतान ; और बनता है परिवार .तीनों रेखाओं का झुकाव आपस में कैसा भी हो लेकिन उनके तीनों कोणों का योग होगा १८० डिग्री . यानि परिवार में आपस में कितने भी परिवर्तन आयें लेकिन परिवार का प्रेम उतना ही रहने वाला है .





चतुर्भुज - वृहत परिवार - एक और सदस्य का आना परिवार के प्रेम के जोड़ को दुगुना देता है , क्योंकि चारों कोणों का योग हो जाता है ३६० डिग्री .

2 comments:

  1. सुन्दर परिकल्पना । मानो तो सहज - सरल है जीवन बिलकुल आपकी ज्यामिति की ही तरह । मजा आ गया । शुभ कामनायें । -आशुतोष मिश्र

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