नील स्वर्ग

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प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली

Tuesday, March 3, 2015

गुटखा तम्बाकू - एक लघु कथा


मैं इंटरव्यू ले रहा था , एक स्टेनो सेक्रेटरी के पद के लिए। अगला प्रार्थी थी एक दक्षिण भारतीय महिला।  सामान्य प्रश्नोत्तर के दौरान मैंने पूछा - आप के पति क्या करते हैं ?

उसने जरा बुझे से स्वर में कहा - उसका डेथ हो गया। कैंसर था।

न चाहते हुए भी मैं पूछ बैठा - बहुत यंग रहे होंगे ; ऐसा कैसे ?

उसने कहा - उसको गुटखा तम्बाकू बहुत खाता था।

मन में हंसी आई उसकी दक्षिण भारतीय हिंदी सुन कर ; लेकिन अगले ही क्षण मन  में आया - भले ही उसका व्याकरण गलत था , लेकिन अनजाने ही उसकी बात सही थी।  हम समझते हैं की गुटखा तम्बाकू हम खाते हैं , लेकिन वास्तविकता ये है की गुटखा तम्बाकू हमें खाता है।


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