नील स्वर्ग

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प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली

Wednesday, February 5, 2014

एस्केलेटर का प्रयोग

कल हैदराबाद के हवाई अड्डे पर एक बड़ा विचित्र अनुभव हुआ।  वहाँ के नए हवाई अड्डे  में यात्रियों को हवाई जहाज में प्रवेश करने के लिए एक एस्केल्टर से नीचे उतरना पड़ता है , वहाँ से आगे बढ़ कर एयरोब्रिज के गलियारें में प्रवेश करना होता है। हुआ ये कि जब मैं एस्केलेटर से नीचे उतरा तो मेरे सामने वाले सज्जन नीचे उतर कर मेरे सामने खड़े हो गए और पास ही अपना बैग रख दिया।  वो आराम से अपने मोबाईल फोन पर बात करते रहे।  उन्हें ये ध्यान  नहीं था कि उनके ठीक पीछे एक चलती हुई सीढ़ी है जिस पसर बहुत सारे लोग एक के पीछे एक खड़े हैं।  मेरे पास कोई रास्ता नहीं था , मैंने उनके बैग को ठोकर से दूर किया और आगे बढ़ा।  मैंने लगभग चिल्लाते हुए उनसे कहा कि एस्केलेटर की  लैंडिंग को आप रोक कर खड़े हैं।  उन्हें मेरा ये कदम मेरी बदतमीजी लगा।  वो साहब बोले मेरे सामने जब एक लाइन लगी है तो मैं कहाँ जाऊं।  मैंने कहा आप सामने वाले को धक्का मार कर आगे बढ़िए वर्ना पीछे के सारे लोग एक के ऊपर एक गिर कर घायल हो जायेंगे, जैसा की  तेज गति वाले हाइवे पर अचानक ब्रेक लगा लेने से होता है। उस साहब को मेरी बात पसंद नहीं आयी।  खैर साहब , पसंद आये या न आये , मैं तो गिरने की  बजाय ठोकर से उनके बैग को हटा कर बचना ही पसंद करूंगा। 

         इस घटना के बाद मेरे मन में आया ; क्या दुनिया में एस्केलेटर का प्रयोग करने के कोई नियम कायदे हैं         भी या नहीं। मेरा सुखद अनुभव था , जब मैंने गूगल पर देखा ही दुनिया के हर देश के अपने कुछ तरीके           हैं , यानि के एस्केलेटर एटिकेट।  मेरे अध्ययन  के आधार पर मैं कुछ सुझाव यहाँ लिख रहा हूँ , जो हमें भी हमारे देश में अपना लेने चाहिए -

१. एस्केलेटर पर खड़ा होना या चलना , अपने देश के सड़क के नियम के अनुसार होना चाहिए।  हमारे देश भारत में हैं सड़क के बायीं तरफ चलते हैं ; इसलिए एस्केलेटर पर भी हमें बायीं तरफ खड़ा होना चाहिए। 

२. यदि हमारे साथ कोई बैग है , तो उसे भी अपने पास यानि बायीं तरफ रखना चाहिए न की बीचों बीच।  कभी भी कोई ट्रॉली, या बच्चे की गाडी एस्केलेटर पर नहीं लेनी चाहिए। 

 ३. आपके साथ आपका कोई मित्र या परिवार जन  है , तो आप उनके साथ साथ न खड़े होकर आगे पीछे ही खड़े होवें। 

४. हमेशा अपने बायीं तरफ वाली रेलिंग पकड़ कर रखें।  इसका कारण  ये है , अगर कभी किसी  कारण से एस्केलेटर झटके से रुके तो आप का नियंत्रण न बिगड़े।  ध्यान रहे , एस्केलेटर पर एक व्यक्ति का गिरना एक डोमिनो इफेक्ट की  तरह है , यानि जैसे कि साईकिल स्टैंड पर  अगर एक साईकिल गिरती है तो अपने साथ पूरी साईकिल की  लाइन को गिरा डालती है। 

५. और अब आती है वो बात जिसने मुझे ये लेख  लिखने पर मजबूर किया।  कभी भी एस्केलेटर के उतरने के स्थान पर यानि की  लैंडिंग पर खड़े न रहे। वहाँ खड़े  होकर आप एक बहुत बड़ी समस्या को निमंत्रण दे रहे होते हैं।  आपके पीछे वाला आदमी अचानक घबरा जाएगा।  वो कुछ भी कर सकता है ; यहाँ तक कि आपको धक्का देकर गिरा भी सकता है। और फिर वही डोमिनो  इफेक्ट। 

६. अगर आप एस्केलेटर से उतरना चाहते हैं तो आप उतरने के लिए दाहिनी तरफ का प्रयोग करें, जैसे कि भारत की  सड़कों पर ओवरटेक करने के लिए आप दाहिनी लेन  में जाते हैं ।  भाग कर उतरने की  कोशिश न करें।  

७ . और अंतिम बात ! अगर आप मोबाईल पर बात कर रहें हैं , तो भी आप को बात में इतना खो नहीं जाना चाहिए , जिसके कारण  आप ऊपर लिखे हुए नियमों को भूल जाएँ।  

बाकी बची हुई हिदायतें आप को नीचे दिया हुआ चित्र समझा देगा।  आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है। 






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