देश की
प्रतिक्रिया
उरी हमले के बाद
पाकिस्तान सोशल मिडिया में छाया हुआ है। ब्रह्मपुत्र के जल की धारा में रुकावट
डालने से चीन ने अपना खुला समर्थन पाकिस्तान को दे दिया। तब से लगातार ऐसे सन्देश
और संवाद व्हाट्सप्प , ट्विटर और फेसबुक
पर घूम रहें हैं , की भारत के लोगों
को इन दोनों देशों से व्यापारिक या अन्य किसी प्रकार का रिश्ता नहीं रखना चाहिए।
यहाँ तक की दिवाली की खरीददारी में चीनी माल का बहिष्कार करना चाहिए।
इस तरह के संवाद
देने वाले तो बहुत है , लेकिन इन पर अमल
करने वाले ज्यादातर लोग शांत हैं। मेरे एक मित्र सुशील पोद्दार ने उत्तर दिया कि
पिछले कई महीनों की खोजबीन और मोलभाव के बाद उन्होंने एक चीनी कंपनी से अपनी
फैक्ट्री के लिए कुछ मशीने खरीदने का निर्णय लिया हुआ था ; लेकिन उरी के बाद के घटनाक्रम ने उन्हें सोचने
पर मजबूर कर दिया। उन्होंने चीन से मशीन खरीदने
का अपना निर्णय बदल दिया। अब उन्हें नए सिरे से किसी और देश के साथ मोलभाव करना है
, और ऊंचे दाम देकर वो मशीन
लेनी है। मेरे एक अन्य मित्र श्रवण सुरेका ने भी लिखा की उनकी एक व्यापारिक डील
करोड़ों रुपये की एक चीनी कंपनी से तय हो चुकी थी ; लेकिन उन्होंने अपनी डील कैंसिल कर दी।
सुशील पोद्दार और
श्रवण सुरेका के निर्णय की किसी ने चाहे वाहवाही नहीं की हो , लेकिन ये लोग हमारे देश के असली देशभक्त हीरो
हैं ; मैं इन्हें सैलूट करता हूँ।
दूसरी तरफ हमारे
सामने हैं उदहारण स्वरुप करण जोहर जो
पाकिस्तान की और इसके निंदनीय कलाकारों की वकालत इसलिए कर रहें हैं , क्योंकि उनकी आगामी फिल्म ' ऐ दिल है मुश्किल ' उन पाकिस्तानी सितारों के साथ है और पाकिस्तान
उनका बहुत बड़ा मार्केट है। .उसी तरह सलमान खान भी वक़ालत कर रहें हैं ये कह कर की
कलाकार कोई आतंकवादी नहीं होता। इन दोनों से एक प्रश्न है - क्या उरी के शहीदों
में से एक नाम तुम्हारे सगे भाई का होता , तो भी क्या यही फ़रमाते !
मुम्बई हमले के
पहले क्या उन पाकिस्तानियों ने लोगों से पूछा था की तुम में से कोई कलाकार तो नहीं
है न ? और न हीं देश के जांबाज कमांडो ने पुछा था , की वो लड़ाई किसके लिए लड़ रहे थे। मैं निंदा
करता हूँ - ऐसे स्वार्थी लोगों की जो कला की आड़ में देश से ऊपर अपने
व्यक्तिगत स्वार्थ को महत्व देते हैं।
एक हैं श्रीमान
अरविन्द केजरीवाल ! उनका शौक है , मोदी के प्रति
दैनिक अपशब्द कहना। सर्जिकल स्ट्राइक से उनकी बोलती बंद हो गयी थी। कई दिन हो गए, चुप बैठे। जब पेट में ज्यादा दर्द हो गया तो
टेलीविजन पर आये ; पहले तो मोदी जी
को उनकी राजनैतिक इच्छा शक्ति पर सैलूट ठोका और फिर आ गए अपने असली रंग में। कहने
लगे की पाकिस्तान हमारे सर्जिकल स्ट्राइक को झूठ बता रहा है , आप उन्हें इसका प्रूफ क्यों नहीं दे देते ! भाई
वाह ! पाकिस्तान के प्रचार की वजह तो सर्वविदित थी ; लेकिन आपके विचलित होने की वजह आपका राजनैतिक
घटिया चिंतन है। आपको लगता है , की ये सर्जिकल स्ट्राइक पंजाब के चुनाव में
कहीं मोदी जी हीरो न बना दे। मोदी जी तो हीरो हैं जनाब , पंजाब के ही नहीं , देश के ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के। हीरो तो
आप भी हैं लेकिन सिर्फ पाकिस्तानी अखबारों
के ! बधाई हो ! दिल्ली सबकुछ देख रही है।
दुसरे महान नेता
कांग्रेस से फूटे - श्रीमान संजय निरुपम । उन्हें तो मानो केजरीवाल ने शब्द दे
दिए। आनन फानन में उन्होंने अपनी नापने
वाली इंची टेप निकाल ली , मोदी जी का ५६
इंच का सीन नापने के लिए ; कांग्रेस को अपनी
जान बचाने के लिए इस महापुरुष से किनारा
करना पड़ा। ऐसे पप्पू ब्रांड नेताओं की कांग्रेस में कमी नहीं।
बोले तो कुछ और
भी लेकिन फिर जल्दी जल्दी फैला हुआ रायता समेत लिया। देश की जनता ऐसे राजनीति की
आड़ में देशद्रोह करने वालों को कभी माफ़ नहीं करेगी।
अंत में चर्चा एक
और व्यक्ति की - मिडिया के महानायक सुभाष चंद्र जी की! उन्होंने खुल कर कहा की
उनका ज़ी टीवी सूत्रधार था पाकिस्तानी
सीरिअल्स को जिंदगी नाम के नए चैनल के माध्यम से भारत में लाने का लेकिन वर्तमान
स्थिति को देखते हुए उन्होंने सभी पाकिस्तानी कॉन्ट्रैक्ट कैंसल कर दिए हैं और अब
कोई भी पाकिस्तानी कार्यक्रम यहाँ प्रसारित नहीं होगा। आर्थिक हानि तो सुभाष चंद्र
की भी हुयी है ; लेकिन उन्होंने
कला की दुहाई देकर पाकिस्तानी कार्यक्रमों की वकालत नहीं की !
और अंत में एक सन्देश हमारे प्रिय प्रधानमंत्री श्री
मोदी जी को !
आदरणीय मोदीजी !
पूरा देश हर कदम पर आपके साथ है। पाकिस्तान के साथ जैसा सलूक किया जाना उचित है ,
वैसा करें। चंद लोगों बकवास इस देश के सवा सौ करोड़ देश वाशियों
के सामने नक्कार खाने की तूती मात्र है।
उन्हें अनसुना कीजिये और विजय पथ पर बढिए - चाहे शांति के मार्ग से और चाहे
युद्ध के मार्ग से !
शत शत वंदन !
बहुत सुंदर
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