प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ दिनों पहले रेडियो पर देश के लोगों को सम्बोधित किया। ये सम्बोधन अपने शीर्षक के अनुरूप उनके मन की ही बात थी। इस सम्बोधन में न कोई राजनीति थी और न ही कोई चुनाव प्रचार। लेकिन किसी व्यक्ति के मन की बात का सम्बन्ध उसकी कार्य शैली से कितना अधिक होता है , ये मैं आपको बताऊंगा। अगर आपने उनके मन की बात नहीं सुनी हो तो सुनिए इस लिंक के द्वारा -
Modi's Man KI Baat
अब मैं आपको बताता हूँ मेरे मन की बात। मोदी का ये प्रसारण था 3 ऑक्टोबर को। इस की एक बात जो मेरे मन को छू गयी वो थी - अपनी शक्ति को पहचाने। उन्होंने स्वामी विवेकानंद की एक कहानी का उल्लेख किया के एक शेरनी का एक बच्चा बिछड़ गया और भेड़ों के एक झुण्ड से मिल गया। उसकी हरकतें धीरे धीरे भेड़ों जैसी हो गयी। फिर जब उसे एक दूसरा शेर मिला उसने उसे अहसास दिलाया की वो एक शेर है भेड़ नहीं।
उस दिन मोदी की ये बात एक सामान्य शिक्षा से अधिक नहीं थी।
कुछ दिन पहले देश की सीमा पर पाकिस्तान ने बिना किसी कारण ही बमबारी शुरू कर दी। निहत्थे निरपराध नागरिक मारे गए। ऐसी घटनाएँ पहले भी होती रही है। लेकिन देश की पूर्व सरकार ऐसी घटनाओं को महत्व नहीं देती रही है। वास्तव में कांग्रेस सरकार कुछ भी करने में विश्वास नहीं करती थी। हमारी सीमा के अंदर घुस कर देश के जवानों के सर काट कर उन्होंने सीमा पर फेंक दिए , विदेश मंत्री ने कहा हमें संयम से काम लेना चाहिए। चीन की फ़ौज हमारी सीमा तक घुस आई , लेकिन हमारे विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने इसे कोई बड़ी बात नहीं माना।
हमें हमारी शक्ति का परिचय करवाया - मोदी ने। पहले जब पाकिस्तान से आये हुए पाकिस्तान के डेलीगेसन ने सरकार की चेतावनी को अनसुना देते हुए अलगाव वादी हुर्रियत नेताओं से बात चीत की , तो मोदी ने बिना किसी वार्ता के उन्हें लौटा दिया। नवाज शरीफ ने युएन ओ में भारत के खिलाफ झूठ का पिटारा खोला तो मोदी ने पूरे विश्व के सामने उसे सलाह दे दी की बातचीत करनी है तो पहले अपनी आतंकवादी गतिविधियाँ बंद करो।
असली उत्तर पाकिस्तान को मिला दो दिन पहले - जब प्रधानमंत्री मोदी ने देश की फ़ौज को पूरा अधिकार दे दिया कि ईंट का जवाब पत्थर से दो। पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में भारतीय सेना ने जो जबरदस्त जवाबी हमला बोला , पाकिस्तान की सेना उलटी भाग खड़ी हुई। दो दिन की पूरी शांति बाद पाकिस्तान सही रास्ते पर आ गया है ; भारत से बातचीत की फरियाद कर रहा है । सच है लातों के भूत बातों से नहीं मानते हैं।
सचमुच मोदी ने देश की जनता और सेना को अपनी स्वयं की ताकत से पुनः मिलवा दिया है।
Modi's Man KI Baat
अब मैं आपको बताता हूँ मेरे मन की बात। मोदी का ये प्रसारण था 3 ऑक्टोबर को। इस की एक बात जो मेरे मन को छू गयी वो थी - अपनी शक्ति को पहचाने। उन्होंने स्वामी विवेकानंद की एक कहानी का उल्लेख किया के एक शेरनी का एक बच्चा बिछड़ गया और भेड़ों के एक झुण्ड से मिल गया। उसकी हरकतें धीरे धीरे भेड़ों जैसी हो गयी। फिर जब उसे एक दूसरा शेर मिला उसने उसे अहसास दिलाया की वो एक शेर है भेड़ नहीं।
उस दिन मोदी की ये बात एक सामान्य शिक्षा से अधिक नहीं थी।
कुछ दिन पहले देश की सीमा पर पाकिस्तान ने बिना किसी कारण ही बमबारी शुरू कर दी। निहत्थे निरपराध नागरिक मारे गए। ऐसी घटनाएँ पहले भी होती रही है। लेकिन देश की पूर्व सरकार ऐसी घटनाओं को महत्व नहीं देती रही है। वास्तव में कांग्रेस सरकार कुछ भी करने में विश्वास नहीं करती थी। हमारी सीमा के अंदर घुस कर देश के जवानों के सर काट कर उन्होंने सीमा पर फेंक दिए , विदेश मंत्री ने कहा हमें संयम से काम लेना चाहिए। चीन की फ़ौज हमारी सीमा तक घुस आई , लेकिन हमारे विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने इसे कोई बड़ी बात नहीं माना।
हमें हमारी शक्ति का परिचय करवाया - मोदी ने। पहले जब पाकिस्तान से आये हुए पाकिस्तान के डेलीगेसन ने सरकार की चेतावनी को अनसुना देते हुए अलगाव वादी हुर्रियत नेताओं से बात चीत की , तो मोदी ने बिना किसी वार्ता के उन्हें लौटा दिया। नवाज शरीफ ने युएन ओ में भारत के खिलाफ झूठ का पिटारा खोला तो मोदी ने पूरे विश्व के सामने उसे सलाह दे दी की बातचीत करनी है तो पहले अपनी आतंकवादी गतिविधियाँ बंद करो।
असली उत्तर पाकिस्तान को मिला दो दिन पहले - जब प्रधानमंत्री मोदी ने देश की फ़ौज को पूरा अधिकार दे दिया कि ईंट का जवाब पत्थर से दो। पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में भारतीय सेना ने जो जबरदस्त जवाबी हमला बोला , पाकिस्तान की सेना उलटी भाग खड़ी हुई। दो दिन की पूरी शांति बाद पाकिस्तान सही रास्ते पर आ गया है ; भारत से बातचीत की फरियाद कर रहा है । सच है लातों के भूत बातों से नहीं मानते हैं।
सचमुच मोदी ने देश की जनता और सेना को अपनी स्वयं की ताकत से पुनः मिलवा दिया है।
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