किसी भी देश को महान बनते हैं वहां के नागरिक और वहां का प्रशासन ! सिंगापुर में ये दोनों ही इतने चुस्त हैं की जन जीवन में किसी प्रकार की बुराई नजर ही नहीं आती।
फेरीवाले प्रायः हर देश में पाये जाते हैं। अंग्र्जी में इन्हे हॉकर्स कहते हैं। सस्ते दर पर तैयार भोजन खिलते हैं ये हॉकर्स। प्रायः इनका बनाया हुआ भोजन स्वादिष्ट भी होता है। लेकिन समस्या ये होती है की ये सड़कों पर जहाँ तहाँ अपना डेरा जमा लेते हैं। वहां गंदगी फैलाते हैं। इसके अलावा इनके भोजन की स्वच्छ्ता पर हमेशा प्रश्न खड़ा रहता है। भारत में तो ये दोनों बातें बिल्किल साफ़ नजर आती हैं।
सिंगापुर की सड़कों पर मुझे कोई हॉकर खाने पीने की सामग्री बेचता हुआ नहीं दिखा। मैंने अपनी बेटी पल्लवी से पुछा इसके बारे में। उसने बताया की पहले सिंगापुर में भी हॉकर्स हुआ करते थे ; लेकिन सफाई और स्वच्छ्ता के कारण वहां की सरकार ने कई जगहों पर हॉकर सेंटर बना दिए हैं। ये सेंटर पूरी तरह से व्यवस्थित हैं। यहाँ बैठने के लिए कुर्सियां और टेबल आदि की व्यवस्था है। सरकार के निरीक्षक निश्चित अवधि पर इन हॉकर्स के स्टाल्स का निरिक्षण करते हैं। उनकी सफाई की अवस्था के अनुरूप उनकी रेटिंग की जाती है और वो रेटिंग वहां सामने एक सर्टिफिकेट की तरह दिखना अनिवार्य होती है।
कितना आसान समाधान ! कौन हॉकर चाहेगा की उसकी रेटिंग ख़राब हो , क्योंकि उसकी दुकान पर आने वाला व्यक्ति रेटिंग देख कर ही खायेगा।
क्या ये छोटी छोटी बातें - जो मुझे आकर्षित करती है , हमारी सरकार के लोगों को नजर नहीं आती ?
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