बातचीत एक प्लेटफार्म है अपने आस पास होने वाली घटनाओं को सहित्यिक ढंग से बताने का . यानि की एक ऐसा अखबार , जो अखबार जैसा न हो. सांकेतिक कथाएं ,वर्णन ,लेख - सब कुछ हिस्सा होंगे इस ब्लॉग का . सबसे बड़े हिस्सेदार होंगे आप, पाठक गण. बुरे को बुरा कहने में संकोच न करें. लेकिन अच्छा लगे तो दो शब्द उत्साह वर्धन के भी.
नील स्वर्ग
प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली
Sunday, April 3, 2016
पुल और पार्टियां
पुल टूटने से पहले -
भले ही इस पुल की नींव पिछली सरकार ने रखी थी , लेकिन पूरा किसने किया ? हमने !!!
पुल टूटने के बाद -
इस पुल का ठेका पिछली सरकार ने दिया था , आज अगर ये गिर गया तो कौन जिम्मेवार होगा ? हम ???
No comments:
Post a Comment