नील स्वर्ग

नील स्वर्ग
प्रकृति हर रंग में खूबसूरत होती है , हरी, पीली , लाल या फिर नीली

Sunday, December 16, 2012

नरेन्द्र मोदी का विराट रूप

 किम्वदंती है की महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण ने अर्जुन के सारथी के रूप में अपना विराट रूप दिखाया , जिसका उद्देश्य था अर्जुन को युद्ध के लिए तैयार करना . उस रूप का  काल्पनिक चित्रण हम देखते हैं कई कैलेंडरों में .

गुजरात में चल रहा विधान सभा का चुनाव भी महाभारत से कम नहीं है . और विराट रूप दिखाया है गुजरात के शेरदिल नेता नरेन्द्र  मोदी ने . विज्ञान की तकनीक का सहारा लेकर बनायीं गयी नरेन्द्र मोदी की 3 डी  की होलोग्राम प्रतिमूर्ति , जिसके कारन मोदी का भाषण जीवंत देख पाए एक साथ दर्जनों स्थानों पर गुजरात निवासी . ये कोई टेलीविजन देखने जैसी अनुभूति नहीं है . ये है एक ऐसा अनुभव जिसमें लोग हर स्थान पर नरेन्द्र मोदी को देख  पा रहे थे अपने सन्मुख मंच पर पूरे हाव भाव के साथ . इतना ही नहीं दर्शकों के प्रश्नों के उत्तर भी संभव थे इन प्रतिमुर्तियों द्वारा .

Narendra Modi's 3D campaign irks Opposition, Congress to move ECयानी की वर्तमान चुनाव प्रचार में नरेन्द्र  मोदी प्रत्यक्ष रूप से प्रचार कर पा रहें हैं - तमाम 182 चुन्नावी क्षेत्रों में . नरेन्द्र मोदी के इस विराट रूप ने नींद उड़ा  रखी  है प्रमुख विपक्षी दल कोंग्रेस की . इसका विरोध करने के लिए कोंग्रेस नए नए बहाने गढ़ रही है . कभी ये कहती है की एक एक स्थान  पर ऐसा प्रचार करने की कीमत 5 करोड़ रुपैये हैं , इसलिए इलेक्सन कमिसन को इस की जांच करनी चहिये . सी पि एम् और नवनिर्मित गुजरात परिवर्तन पार्टी भी इस महान परिवर्तन को पचा नहीं पा रही . और दिग्विजय सिंह जैसे बयानबाज नेताओं ने इसे नरेन्द्र मोदी का मायावी रूप बताते हुए , दस सर वाले रावण से तुलना कर दी .

कोई कुछ भी कहे , सच्चाई ये है -की गुजरात की जनता अपने प्रिय नेता नरेन्द्र मोदी को प्रत्यक्ष रूप से देखना और सुनना  चाहती है - और उनकी वो इच्छा इस माध्यम से पूरी हो रही है . गुजरात चुनाव का पहला दौर समाप्त हो चूका है जिसमें हुए मतदान की  संख्या ने  पिछले सारे रेकोर्ड तौड़ दिए हैं . संभवतः ये मतदान नरेन्द्र मोदी के सर्वव्यापी स्वरूप का ही परिणाम है !


Wednesday, December 12, 2012

अति लघु कथा

 राम ने पूछा - क्यों भाई लक्षमण , तुम्हे क्या लगता है , भारत में ये सरकार  गिरेगी क्या भाई ?

लक्षमण ने कहा - नहीं भैया राम ! इतना गिर चुकी है अब और कितना गिरेगी !

Tuesday, December 11, 2012

कितनी और गिरावट





अभी एक हफ्ता भी नहीं हो पाया है जब की कोंग्रेस ने येन केन प्रकारेण लोकसभा और राज्यसभा में अपना जोड़ घटाव कर के अपने मल्टी ब्रांड खुदरा और फुटकर व्यापार में विदेशी निवेश का प्रस्ताव पारित करवा लिया . जिस तरह से ये प्रस्ताव पारित हुआ वो अपने आप में शर्मनाक था . प्रजातंत्र के बुनियादी अधिकार यानि बहुमत को हथियार बना कर सर्कार ने अपनी बात मनवा ली . समाजवादी पार्टी अपनी पूरी भाषण बाजी के उपरांत मतदान से गायब हो गयी ; उससे से भी शर्मनाक थी बहुजन समाज पार्टी जिसने लोकसभा में तो सपा वाला रास्ता अपना लिया  , लेकिन राज्यसभा में सर्कार के साथ मिल भाव कर के सर्कार को समर्थन देने को तैयार हो गयी . 125 करोड़ वाला ये देश देखता रहा की कैसे उनके चुने हुए नेता उनकी रोजी रोटी के साथ खिलवाड़ करते हैं . बहस के दौरान तो रोजी रोटी से खिलवाड़ ही लगा था , लेकिन पिछले दो-चार  दिनों में जो हुआ उससे तो ये स्पष्ट हो गया की रोजी रोटी से खिलवाड़ नहीं था वो , देश के माध्यम वर्ग और किसानों की रोजी रोटी का सौदा किया गया था .

अमेरिकन सीनेट के सामने वालमार्ट कंपनी ने अपनी एक रिपोर्ट दर्ज की जिसके अनुसार वालमार्ट ने विभिन्न देशों में 2008 से लेकर अब तक 25 मिलयन डॉलर यानि की 125 करोड़ रुपैये लोबीयिंग में खर्च किया , जिसमें एक बड़ा हिस्सा भारत में खर्च किया गया . लोबीयिंग का अर्थ है , धन की ताकत पर किसी देश की सर्कार से कोई बात मनवाना . यानि की सर्कार में होने का मतलब हो गया देश को दांव पर लगा कर अपनी दुकानदारी करना . आखिर किसने खाए ये 125 करोड़ रुपैये ? कौन खा सकता है ? वही न जो इसके बदले में कुछ दे सकता था वालमार्ट को ! किसने क्या दिया - ये तो बहुत ताजा है सभी के दिमागों में . सर्कार कहती है - हम इस मुद्दे पर जांच करवाएंगे ! खासा मजाक है ! जिन पर संदेह है पैसे खाने का - वही कहते हैं जांच करवाएंगे . जांचों से होता क्या है ! 

देश का दुर्भाग्य है की ये देश चंद ऐसे लोगों के हाथ में गिरवी है , जिनका हर कदम भ्रष्टाचार से लिप्त होता है . समस्या ये है की इस देश का वोटर न तो अख़बार पढता और न ही टेलीविजन देखता . वोट पड़ते हैं नोटों के बदले ; फैसले होते हैं जाती के आधार पर ! ऐसे प्रजातंत्र से तो शायद सेना का शासन  होता !